इस कथा -संग्रह में प्रेमचंद ने समाज व्यवस्थता ,धर्म ,जाति तथा ठेठ देहाती जीवन का चित्रण किया है। 'बूढ़ी काकी ' कहानी में बूढ़ी औरत की अपने ही घर में अवहेलना की जातीं है। 'कफ़न' कहानी में पत्नी के कफ़न के लिए इकठे किये हुए पैसे से उसका पति शराब पीकर खुद को गौरवांवित महसूस करता है। 'ठाकुर का कुआं' कहानी में छुआछूत के कारण ठाकुर अपने कुए से एक प्यासी औरत को पानी नही लेने देता और उसका पति भी नाले का पानी पीने पर मजबूर है।
इस कथा -संग्रह में प्रेमचंद ने समाज व्यवस्थता ,धर्म ,जाति तथा ठेठ देहाती जीवन का चित्रण किया है। 'बूढ़ी काकी ' कहानी में बूढ़ी औरत की अपने ही घर में अवहेलना की जातीं है। 'कफ़न' कहानी में पत्नी के कफ़न के लिए इकठे किये हुए पैसे से उसका पति शराब पीकर खुद को गौरवांवित महसूस करता है। 'ठाकुर का कुआं' कहानी में छुआछूत के कारण ठाकुर अपने कुए से एक प्यासी औरत को पानी नही लेने देता और उसका पति भी नाले का पानी पीने पर मजबूर है।