डॉ बाबासाहब आंबेडकर एक राष्ट्रीय नेता थे। उन्हें मात्र दलित नेता कहना, उनकी विद्वत्ता, जनआंदोलनों, सरकार में उनकी भूमिका के साथ न्याय नहीं होगा। युगों पुरानी जाति आधारित अन्यायपूर्ण और भेदभावकारी समाज में सामाजिक समानता और सांस्कृतिक एकता के जरिए लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का उनका व्यापक दृष्टिकोण जगजाहिर है। मानवाधिकारों के राष्ट्रवादी और साहसी नेता के रूप में उनके भाषणों में आधुनिक भारत की सामाजिक चेतना को जगाने के लिए उनके जीवनपर्यंत समर्पण की झलक मिलती है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर एक प्रखर विचारक और दूरद्रष्टा थे। उन्होंने समयसमय पर न केवल विधि, संविधान, सामाजिक न्याय, अस्पृश्यताउन्मूलन आदि विषयों पर विचारोत्तेजक विचार व्यक्त किए, वरन् भारत की अर्थनीति, वित्त, करव्य
डॉ बाबासाहब आंबेडकर एक राष्ट्रीय नेता थे। उन्हें मात्र दलित नेता कहना, उनकी विद्वत्ता, जनआंदोलनों, सरकार में उनकी भूमिका के साथ न्याय नहीं होगा। युगों पुरानी जाति आधारित अन्यायपूर्ण और भेदभावकारी समाज में सामाजिक समानता और सांस्कृतिक एकता के जरिए लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का उनका व्यापक दृष्टिकोण जगजाहिर है। मानवाधिकारों के राष्ट्रवादी और साहसी नेता के रूप में उनके भाषणों में आधुनिक भारत की सामाजिक चेतना को जगाने के लिए उनके जीवनपर्यंत समर्पण की झलक मिलती है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर एक प्रखर विचारक और दूरद्रष्टा थे। उन्होंने समयसमय पर न केवल विधि, संविधान, सामाजिक न्याय, अस्पृश्यताउन्मूलन आदि विषयों पर विचारोत्तेजक विचार व्यक्त किए, वरन् भारत की अर्थनीति, वित्त, करव्य